Bacteria Endospore Structure in Hindi बैक्टीरियल एंडोस्पोर: संरचना, कार्य और विशेषताएँ

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बैक्टीरियल एंडोस्पोर (Bacterial Endospore) एक खास संरचना (structure) है जो कुछ बैक्टीरिया कठिन परिस्थितियों में जीवित रहने के लिए बनाते हैं। जब बैक्टीरिया को पोषण की कमी होती है, तो वे एंडोस्पोर बनाते हैं, जो एक निष्क्रिय और मजबूत संरचना होती है। यह बैक्टीरिया के DNA और कुछ cytoplasm से बनी होती है, जिसे एक मजबूत बाहरी आवरण सुरक्षित करता है।

एंडोस्पोर उच्च तापमान, UV विकिरण, और रासायनिक क्षति जैसी कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रह सकते हैं। कई ग्राम-पॉजिटिव बैक्टीरिया, जैसे Bacillus और Clostridium, एंडोस्पोर बनाते हैं। ये संरचनाएँ बहुत मजबूत होती हैं और कई खतरनाक रोगों का कारण बन सकती हैं।

एंडोस्पोर की खासियत यह है कि ये 10,000 वर्षों से अधिक समय तक जीवित रह सकते हैं। कुछ रिपोर्टों में बताया गया है कि Bacillus marismortui के जीवित स्पोर लगभग 250 मिलियन वर्ष पुराने नमक के क्रिस्टलों में पाए गए हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम बैक्टीरियल एंडोस्पोर (Endospore of Bacteria in Hindi) की संरचना और कार्य के बारे में और जानेंगे।

Structure of Endospore of Bacteria in Hindi: एंडोस्पोर की संरचना

Endospore एक प्रकार का tough और resistant structure होता है, जो bacteria अपने survival के लिए unfavourable conditions में बनाता है। इसकी खास मजबूती इसकी unique structure की वजह से होती है। इसमें कई layers होती हैं जो इसे heat, chemicals, UV light और dehydration से बचाती हैं। चलिए इसके parts को step-by-step जानते हैं:

1. कोर (Core)

Endospore का सबसे अंदर का हिस्सा होता है। इसमें bacteria का DNA, ribosomes, और थोड़ी मात्रा में cytoplasm होता है। Core बहुत dehydrated (सूखा) होता है—इसमें सिर्फ vegetative cell के मुकाबले 25% पानी होता है। Core में Dipicolinic acid और Calcium (Ca-DPA) भी होता है, जो DNA को stabilize करता है और high temperature से बचाता है। इसके अलावा, इसमें SASPs (Small, Acid-Soluble Proteins) होते हैं, जो DNA को tightly bind करके उसे UV light और chemicals से protect करते हैं।

2. इनर मेम्ब्रेन (Inner Membrane)

कोर के चारों ओर एक सुरक्षात्मक झिल्ली (membrane) होती है, जो हानिकारक रसायनों को अंदर आने से रोकती है।

यह chemicals के entry को रोकती है और एक permeability barrier का काम करती है।

3. जर्म सेल वॉल (Germ Cell Wall)

इनर मेम्ब्रेन के बाहर पेप्टिडोग्लाइकन से बनी एक परत होती है।

जब एंडोस्पोर अंकुरित होकर सक्रिय बैक्टीरिया बनता है, तो यही परत नई कोशिका भित्ति (cell wall) का निर्माण करती है।

4. कॉर्टेक्स (Cortex)

जर्म सेल वॉल के बाहर यह एक मोटी परत होती है, जिसमें कम क्रॉस-लिंकिंग वाला पेप्टिडोग्लाइकन होता है।

यह कोर से पानी निकालकर एंडोस्पोर को गर्मी और सूखे से बचाती है।

5. आउटर मेम्ब्रेन (Outer Membrane)

कॉर्टेक्स को घेरने वाली एक और झिल्ली (membrane) होती है, जो अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान करती है।

6. स्पोर कोट (Spore Coat)

यह प्रोटीन की कई परतों से बना होता है और एंजाइम्स व हानिकारक रसायनों से बचाता है।

यही एंडोस्पोर को इतना कठोर (tough) और सुरक्षित (resistant nature) बनाता है।

7. एक्सोस्पोरियम (Exosporium)

सबसे बाहरी परत होती है, जो ग्लाइकोप्रोटीन से बनी होती है.

कुछ बैक्टीरिया में इस परत से जुड़ी विशेष संरचनाएं (जैसे टॉक्सिन क्रिस्टल) भी पाई जाती हैं।

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