बाजरा (Pearl Millet) एक महत्वपूर्ण अनाज फसल है, जो मुख्य रूप से शुष्क और अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में उगाई जाती है। हालांकि, यह कई रोगों से प्रभावित होती है, जो फसल की पैदावार और गुणवत्ता को कम कर देते हैं। आइए प्रस्तुत लेख Bajra Crop Diseases in hindi में बाजरा की प्रमुख बीमारियों के बारे में जानते हैं:
1. अर्गट रोग (Ergot of Bajra)
कारण: यह रोग Claviceps fusiformis नामक कवक (Fungus) के कारण होता है।
लक्षण:
- फूलों से चिपचिपा, मीठा तरल (हनीड्यू) निकलता है।
- दानों की जगह काले, सख्त ढाँचे (sclerotia) बन जाते हैं।
- फसल की वृद्धि रुक जाती है और पैदावार कम होती है।
- नुकसान: यह रोग मनुष्यों और जानवरों के लिए जहरीला हो सकता है।
2. डाउनी मिल्ड्यू (Downy Mildew)
कारण: यह रोग Sclerospora graminicola नामक कवक के कारण होता है।
लक्षण:
- पत्तियों पर पीले धब्बे दिखाई देते हैं।
- पत्तियाँ नीचे की तरफ सफेद पाउडर जैसी दिखती हैं।
- पौधे की वृद्धि रुक जाती है और बालियाँ (ears) ठीक से नहीं बनतीं।
नुकसान: फसल की पैदावार और गुणवत्ता कम हो जाती है।
3. स्मट (Smut)
कारण: यह रोग Tolyposporium penicillariae नामक कवक के कारण होता है।
लक्षण:
- बालियों (ears) पर काले पाउडर जैसे धब्बे दिखाई देते हैं।
- दाने काले और खराब हो जाते हैं।
नुकसान: फसल की गुणवत्ता और बाजार मूल्य कम हो जाता है।
4. रस्ट (Rust)
कारण: यह रोग Puccinia substriata नामक कवक के कारण होता है।
लक्षण:
- पत्तियों और तनों पर नारंगी-भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं।
- पत्तियाँ सूखकर गिरने लगती हैं।
नुकसान: पौधे की वृद्धि रुक जाती है और पैदावार कम होती है।
5. लीफ ब्लाइट (Leaf Blight)
- कारण: यह रोग Helminthosporium nodulosum नामक कवक के कारण होता है।
लक्षण:
- पत्तियों पर भूरे या काले धब्बे दिखाई देते हैं।
- पत्तियाँ सूखकर मरने लगती हैं।
नुकसान: फसल की पैदावार और गुणवत्ता प्रभावित होती है।
6. स्टेम बोरर (Stem Borer)
- कारण: यह रोग कीट (Insect) Chilo partellus के कारण होता है।
लक्षण:
- तनों में छेद दिखाई देते हैं।
- पौधे मुरझाकर सूख जाते हैं।
- नुकसान: फसल की वृद्धि रुक जाती है और पैदावार कम होती है।
बीमारियों से बचाव के उपाय
- स्वस्थ बीज का उपयोग: प्रमाणित और रोगमुक्त बीज बोएं।
- फसल चक्र (Crop Rotation): एक ही खेत में बार-बार बाजरा न उगाएं।
- फंगीसाइड्स (Fungicides): रोगों को नियंत्रित करने के लिए सही फंगीसाइड्स का उपयोग करें।
- प्रतिरोधी किस्में (Resistant Varieties): रोग प्रतिरोधी बाजरा की किस्में उगाएं।
- संक्रमित पौधों को हटाएं: रोगग्रस्त पौधों को उखाड़कर नष्ट कर दें।
बाजरा की इन बीमारियों को समझकर और सही प्रबंधन करके किसान बेहतर पैदावार और गुणवत्ता प्राप्त कर सकते हैं। स्वस्थ फसल ही स्वस्थ समाज की नींव है!
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