Tyndallization process in hindi, Tyndallization in hindi, Tyndallization sterilization in hindi, टिंडलाइज़ेशन क्या होता है, Tyndall ka Prabhav kya hai, what is tyndall effect in hindi टिंडलाइज़ेशन स्टेरिलाइज़ेशन
Tyndallization in hindi
टिंडलाइज़ेशन यह एक स्टेरिलाइज़ेशन मेथड है। यह एक भौतिक स्टेरिलाइज़ेशन (physical method of sterilization) की विधि है जो स्टेरिलाइज़ेशन के लिए गीले ऊष्मा (moist heat in the form of steam) का उपयोग करती। इसे फ्रैक्शनल स्टेरिलाइज़ेशन (fractional sterilization) और इन्टर्मिटन्ट स्टेरिलाइज़ेशन (intermittent sterilization) भी कहा जाता है। इस टेकनीक की खोज उन्नीसवी शताब्दी (19 century) में डॉ. जॉन टिंडल नामक भौतिकशास्त्री ने की थी। इस स्टेरिलाइज़ेशन प्रक्रिया की खोज के सम्मान में इस प्रक्रिया को डॉ. जॉन टिंडल को समर्पित करते हुए इसे टिंडलाइज़ेशन (Tyndallization) कहा जाता है। ऑटोक्लेव स्टेरिलाइज़ेशन के तुलना में टिंडलाइज़ेशन द्वारा किया हुआ स्टेरिलाइज़ेशन ज्यादा प्रभावी नहीं होता ।
इस प्रक्रिया में पदार्थों को 100 डिग्री सेल्सियस पर 20–45 मिनट के लिए भाप (steam) में एक्सपोस किया जाता है| इस प्रक्रिया को लगातार तीन दिनों दोहराया जाता है। कल्चर माध्यम (culture Media) जीनमें अंडा (egg), सीरम (serum) और शुगर (sugar) जैसे उष्मलबीय (thermolabile) घटकों के स्टेरिलाइज़ेशन के लिए उपयुक्त है।
टिंडलाइज़ेशन और बैक्टिरीअल स्पोर्स
किसी भी पदार्थ में बैक्टीरिया दो स्थिती में मौजूद होते है एक स्थिती है वेजिटेटिव स्थिति ( vegetative state) और दुसरी स्थिति है एंडोस्पोर स्थिति ( endospore state)| वेजिटेटिव स्थिति (vegetative state) में मौजूद बैक्टीरिया आसानी से 100 °सेल्सियस वाली भाप (steam) के संपर्क से नष्ट किए जा सकते है| लेकीन एंडोस्पोर स्थिति ( endospore state) में मौजूद बैक्टिरीअल स्पोर्स 100 °सेल्सियस वाली भाप (steam) के संपर्क से भी नष्ट नहीं किया जा सकता | अगर आप एंडोस्पोर स्थिति ( endospore state) में मौजूद बैक्टिरीअल स्पोर्स को किसी भी तरह से वेजिटेटिव स्थिति (vegetative state) ला पाए तो उनको भी नष्ट किया जा सकता है| तो इस तरह टिंडलाइज़ेशन की यह प्रक्रिया मुख्यत: बैक्टिरीअल स्पोर्स (Bacterial spores) को मारने पर केंद्रित है।
Principle of Tyndallization in Hindi टिंडलाइज़ेशन सिद्धांत:
टिंडलाइज़ेशन एक multi-step तकनीक है| जो बैक्टिरीअल स्पोर्स को नष्ट करने में प्रभावी है। इस प्रक्रिया में उत्पादों को स्टीम स्टेरलाइज़र (steam sterilizer) में 20-45 मिनट के लिए 100 डिग्री सेल्सियस भाप (steam) के एक्सपोजर में रखा जाता है, उसके बाद उत्पादों को 37 डिग्री सेल्सियस पर रात भर इनक्यूबेशन (overnight incubation) किया जाता है| और यह प्रक्रिया को अगले दो दिनों तक दोहराया जाता है। यदि उत्पादों में बैक्टीरिया के बीजाणु (Bacterial endospore ) मौजूद हैं, तो वे ऊष्मायन अवधि (incubation period) के दौरान अंकुरित होकर वेजिटेटिव स्थिति ( vegetative state) में आ जाते हैं और दूसरे और तीसरे दिन 100 डिग्री सेल्सियस भाप (steam) के एक्सपोजर में नष्ट हो जाते हैं। इस प्रक्रिया का उपयोग करके किसी भी पदार्थ को स्टेरिलाइज़ करने में लगभग तीन दिन लगते हैं। ऐसी चीजें जिनको स्टेरिलाइज करना है उनको लगातार तीन दिनों तक 100 °सेल्सियस पर 20–45 मिनट के लिये स्टीम में इक्स्पोज़ किया जाता है । इस स्टेरिलाइज़ेशन का उद्देश्य बैक्टीरिया को वेजिटेटिव स्थिति (vegetative state) में लाना और उनको मारना है|
बैक्टीरिया के दो रूप- वेजिटेटिव और एंडोस्पोर
प्रकृति में, बैक्टीरिया हर जगह दो स्थिति में पाए जाते हैं वेजिटेटिव और एंडोस्पोर | पहली स्थिति है वेजिटेटिव स्थिति (vegetative state) जो बैक्टीरिया कि सक्रीय अवस्था होती है| बैक्टीरिया जब प्रतिकूल वातावरण का सामना करते हैं तो वे निष्क्रिय अवस्था (Dormant State) में चले जाते हैं| जिसे एंडोस्पोर स्थिति ( endospore state) कहते है| वेजिटेटिव स्थिति में बैक्टीरिया को नष्ट करना आसान है क्योंकि जीवाणु कोशिका संरचनाएं जैसे कोशिका भित्ति (cell wall) गर्मी के साथ जल्दी ही टूट जाती हैं। जबकि बैक्टिरीअल एंडोस्पोर्स को नष्ट करना काफी मुश्किल होता है। बैक्टिरीअल एंडोस्पोर में कैल्शियम (calcium) और डिपिकोलिनिक एसिड (dipicolinic acid) से बना एक कठोर लेप (hard coating) होता है। इस कठोर लेप के कारण बैक्टिरीअल एंडोस्पोर पे गर्मी का कुछ असर नहीं होता| यह निष्क्रिय अवस्था बहुत प्रतिरोधी (resistant) होती है। जब ऐसे बीजाणुओं (endospore) के लिए उपयुक्त (suitable)और अनुकूल (favorable) परिस्थितियां प्रदान की जाती हैं, तो वे वेजिटेटिव स्थिति में आ जाते है ।
टिंडलाइज़ेशन कैसे काम करता है :
टिंडलाइज़ेशन बैक्टिरीअल एंडोस्पोर्स (Bacterial endospore) के वेजिटेटिव स्थिति में (vegetative state) में अंकुरण (germination) पर निर्भर करता है। पहले दिन 100 ° सेल्सियस भाप के संपर्क से सभी बैक्टीरिया जो वेजिटेटिव स्थिति ( vegetative state) में थे वह पुरी तरह नष्ट हो जाते है। अब आपके सैम्पल में सिर्फ बैक्टिरीअल स्पोर्स (Bacterial spores) बच जाते है जो 100 °सेल्सियस भाप के संपर्क में भी नष्ट नहीं हो पाते | उसके बाद 30 डिग्री सेल्सियस पर रात भर का ऊष्मायन (Overnight incubation) एक अनुकूल वातावरण प्रदान करता है जिसमें बैक्टिरीअल एंडोस्पोर अंकुरित (germinate ) होकर वेजिटेटिव स्थिति (vegetative state) में आ जाते है| अब ये वेजिटेटिव स्थिति (vegetative state) में आये हुए बैक्टीरिया जो पहले एंडोस्पोर (endospore) स्थिति में थे वे अगले दो दिनों के 100 °सेल्सियस वाले भाप (steam) के संपर्क (exposure) से पुरी तरह नष्ट हो जाते है।
Tyndallization टिंडलाइज़ेशन के उपयोग:
- इसका मुख्य उपयोग खाद्य उत्पादों या पोषक माध्यम से बीजाणुओं को नष्ट करने के लिए होता है।
- मुख्य रूप से गर्मी से खराब होने वाले तत्वों जैसे चीनी, दूध, जिलेटिन के साथ मीडिया के जीवाणुरहितकरण के लिए उपयोगी है।
- यह उन वस्तुओं को जीवाणुरहित करने के लिए उपयुक्त है जो उच्च दबाव और आटोक्लेविंग के तापमान को सहन नहीं कर पाती हैं।
टिंडलाइज़ेशन जीवाणुरहितकरण के लाभ:
- यह अधिक किफायती, सस्ती विधि है।
- टिंडल का जीवाणुरहितकरण का तरीका सरल है।
- टिंडलाइज़ेशन प्रक्रिया के दौरान अपेक्षाकृत कम तापमान (100 डिग्री सेल्सियस) उत्पाद की गुणवत्ता जैसे बनावट, स्वाद, रूप और पोषण को प्रभावित नहीं करता है।
टिंडलाइज़ेशन जीवाणुरहितकरण के नुकसान:
- यह विधि सभी प्रकार के तरल पदार्थों के लिए उपयुक्त नहीं है।
- यह समय लेने वाली प्रक्रिया है जिसमें किसी भी वस्तु को जीवाणुरहित करने में तीन दिन लगते हैं।
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